डिंपल की जीत के बाद अखिलेश ने शिवपाल को सौंपा सपा का झंडा, सपा में मिली पीएसपी
मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव बंपर जीत की ओर बढ़ रही हैं। इसी बीच वह पुलिस अधीक्षक अखिलेश यादव से मिलने शिवपाल यादव के घर पहुंचे। अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी का झंडा सौंपा। शिवपाल तुरंत पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचे। सपा पार्टी प्रसपा का भी सपा में विलय हो गया।

मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव बंपर जीत की ओर बढ़ रही हैं। इसी बीच वह पुलिस अधीक्षक अखिलेश यादव से मिलने शिवपाल यादव के घर पहुंचे। अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी का झंडा सौंपा। शिवपाल तुरंत पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचे। सपा पार्टी प्रसपा का भी सपा में विलय हो गया।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी में उपचुनाव हुआ था. ऐसे में मुलायम की विरासत कही जाने वाली यह सीट सपा परिवार के लिए अहम मानी जा रही थी। यही वजह है कि अखिलेश यादव चुनाव से पहले अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ अपने पुराने झगड़े को खत्म करने के लिए राजी हो गए। उसके बाद इस सीट पर शिवपाल यादव और अखिलेश ने साथ मिलकर प्रचार किया था।
अखिलेश ने शिवपाल को सौंपा सपा का झंडा
इस सीट पर सपा प्रत्याशी डिंपल यादव मैदान में हैं। अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल के घर गए। अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी का झंडा सौंपा। शिवपाल यादव सपा में पूरी तरह शामिल हो गए। यह झंडा शिवपाल की कार पर लगा था। इस दौरान यहां मौजूद सैकड़ों सपा व प्रोसपा समर्थकों ने जमकर तालियां बजाईं।
शिवपाल ने सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था
इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनाव में शिवपाल यादव और अखिलेश यादव एक हुए थे। शिवपाल ने यशवंतनगर विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था और जीते भी थे। लेकिन बाद में अखिलेश और सपा के रिश्तों में फिर खटास आ गई। तब कहा गया था कि शिवपाल यादव बीजेपी से हाथ मिला सकते हैं।
मुलायम के निधन के बाद शिवपाल और अखिलेश यादव साथ आए
इस बार मुलायम सिंह यादव का निधन अक्टूबर को हुआ उसके बाद अखिलेश और शिवपाल के बीच काफी करीबी रिश्ते बन गए। पहले ही कहा जा रहा था कि अखिलेश और शिवपाल अब साथ आ सकते हैं। मैनपुरी चुनाव में वोटिंग से पहले भी कुछ ऐसा ही हुआ अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ शिवपाल से मिलने उनके घर पहुंचे। इस दौरान शिवपाल ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया। इसके बाद शिवपाल और उनके बेटे आदित्य ने डिंपल के लिए प्रचार किया।